हैम्बर्ग। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि संसद में जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था तो उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों को यह पसंद नहीं आया था। जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने संबोधन में गांधी ने कहा कि नफरत का जवाब नफरत से देना बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'समस्या का समाधान करने के लिये आपको उसे स्वीकार करना होगा।' उन्होंने भारत और पिछले 70 वर्षों में उसकी प्रगति के बारे में भी बोला।
संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'जब संसद में मैंने प्रधनमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया।' पीएम को गले लगाने का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, 'अहिंसा भारत के इतिहास का मूल मंत्र रहा है। यही भारतीय होने का अहसास है।
अगर कोई आपसे नफरत करता है तो यह उसकी प्रतिक्रिया है। नफरत का जवाब नफरत से देना बेवकूफी भरा है। इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। यह कैसे नियंत्रित होगा, यह सिर्फ आपके जवाब पर निर्भर करता है।' गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में भी बोला।
उन्होंने कहा, 'जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने उसमें उसके रोते हुए बच्चों को देखा।' लिबरेशन टाइगर्स आॅफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार था। उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था।