बेंगलुरु। गौरी लंकेश हत्याकांड में एक और खुलासा हुआ है। पुणे के एक डॉक्टर सहित करीब आधा दर्जन लोगों ने कर्नाटक के ग्रामीण एरिया में फायरिंग की प्रैक्टिस की थी। जिन खेतों में फायरिंग की प्रैक्टिस की गई, उसके मालिक भारत कुर्ने को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच में खुलासा हुआ है कि कर्नाटक के बेलागावी जिले में जंबोती गांव के पास खेती की जमीन पर कुछ लोगों ने फायरिंग की प्रैक्टिस की।
जमीन के मालिक भारत कुर्ने इस हत्याकांड में 12वां आरोपी है। वह फिलहाल एसआईटी की कस्टडी में है। कुर्ने ने अपनी खेत को फायरिंग रेंज के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत दी। शूटर्स ने इन खेतों में कथित तौर पर ट्रेनिंग के बाद ही दाभोलकर की हत्या!
एसआईटी की जांच में पता चला कि मुख्य ट्रेनर राजेश बंगेरा था, जिसे पिछले महीने मदिकेरी में अरेस्ट कर लिया गया था। यह ट्रेनिंग अप्रैल-मई 2013 में दी गई थी, जिसके कुछ ही महीनों के बाद 20 अगस्त 2013 को दो अज्ञात बाइक सवारों ने नरेंद्र दाभोलकर की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
अलग-अलग हथियारों से फायरिंग की ट्रेनिंग ली
सूत्रों के अनुसार ट्रेनिंग के दौरान शूटर्स ने भागते हुए आॅब्जेक्ट को निशाना बनाने की ट्रेनिंग ली। उन्हें बताया गया कि चेहरे या सिर पर निशाना लगाने से बचने की संभावना बहुत कम रहती है। ट्रेनिंग लेने वालों में से एक पुणे का डॉक्टर है, जिसे सीबीआई ने दाभोलकर मर्डर केस में अरेस्ट कर लिया है। आरोपी एक-दूसरे को वास्तविक नामों से ना बुला कर छोटा मियां, बड़ा भाई, भाई साहब, काका, मामा, दादा जैसे उपनामों से संबोधित करते थे।