नई दिल्ली। बाढ़ से बेहाल केरल में फंसे हुए लोगों को निकालने तथा उनके पास राहत सामग्री तेजी से पहुंचाने के लिए राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिये गये हैं। केन्द्रीय कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। राज्य में बाढ़ की स्थिति, इससे निपटने की तैयारी, राहत और बचाव अभियान का जायजा लेने के बाद उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा इन्हें युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से बात कर स्थिति की जानकारी ली और राज्य को केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सिन्हा ने सेना, वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और अन्य केन्द्रीय बलों को इस अभियान में पूरी जान लगाने को कहा है। उन्होंने कहा कि केरल को हर संभव मदद जल्द से जल्द पहुंचायी जानी चाहिए। प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, भोजन के पैकेट और पाउडर दूध तथा अन्य राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है। मुल्लपेरियार बांध में पानी के प्रबंधन के लिए केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है। समिति में तमिलनाडु और केरल के मुख्य अभियंताओं को भी शामिल किया गया है।
अभी केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की 18 टीमें, सेना की नौ टुकड़ी और इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की 8 टीमें, तटरक्षक बल की 22 टीमें और नौसेना के गोताखोरों की 24 टीमें, हेलिकॉप्टर, विमान और नौकाएं बचाव अभियान में लगी हैं। लोगों को चिकित्सा सुविधाएं भी बड़े स्तर पर मुहैया करायी जा रही हैं। अब तक 2182 लोगों को बचाया गया है। समिति की बैठक शुक्रवार को फिर होगी।
बैठक में रक्षा, गृह और जल संसाधन मंत्रालय के सचिवों के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुखों, तटरक्षक बल के प्रमुखों, एनडीआरएफ, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्षों तथा कई अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।