नई दिल्ली। एयर इंडिया के पायलटों ने यात्रियों और उड़ानों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि वित्तीय अनिश्चितता की वजह से कर्मचारियों में हताशा, चिंता और तनाव बना हुआ है। इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को प्रबंधन को पत्र लिखकर पूछा कि एयरलाइन के पास नियमित रखरखाव (मेंटेनेंस) के लिए पर्याप्त फंड मौजूद है या नहीं।
यह सवाल इसलिए किया क्योंकि लगातार पांचवें महीने सैलरी में देरी हुई है। जुलाई का वेतन अभी तक नहीं मिला।एयर इंडिया के पायलटों की नाराजगी निजी एयरलाइन जेट एयरवेज के वित्तीय नतीजे टालने के दूसरे दिन सामने आई। जेट ने कहा कि आॅडिट कमेटी ने वित्तीय नतीजे अप्रूव करने की सिफारिश नहीं की। यह दोनों एयरलाइंस वित्तीय घाटे के दौर से गुजर रही हैं।
ऐसे में स्टाफ के मन में कई तरह की शंकाएं हैं। विदेशी उड़ानों में पिछले साल एयर इंडिया और जेट एयरवेज की हिस्सेदारी 30.5% रही। 2017 में कुल 5.9 करोड़ इंटरनेशनल उडानों में से 1.8 करोड़ इन दोनों ने भरीं। घरेलू बाजार में दोनों का मार्केट शेयर 28% है। 51,000 करोड़ के घाटे में है एअर इंडिया: एयरलाइंस का घाटा लगातार 8 साल तक बढ़ता रहा और 51,000 करोड़ रुपए पहुंच गया। हालांकि, 2015-16 में एयरलाइंस ने 105 करोड़ के मुनाफे की जानकारी दी, लेकिन कैग ने जनवरी 2017 की रिपोर्ट में इसे 321 करोड़ का घाटा माना।