नई दिल्ली। राज्यसभा में उपसभापति पद के लिये किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सवार्नुमति नहीं बन पाने के लिए विपक्ष के घटक दलों में असंतोष है। सपा ने इसके लिये कांग्रेस और बीजेपी को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस द्वारा राज्यसभा सदस्य बीके हरिप्रसाद की उम्मीदवारी घोषित किए जाने के बाद इस पद के लिये अब चुनाव होना तय हो गया है। एनडीए की ओर से जदयू के हरिवंश को पहले ही उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है।
सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़ कर उपसभापति पद पर कभी चुनाव नहीं हुआ। सभी दल सर्वसम्मति से उपसभापति का चयन कर लेते हैं। यादव ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि कांग्रेस की तरफ से यूपीए के घटक दल के किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाने की बात थी। लेकिन अंतिम क्षण में अपने ही दल के सदस्य को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा ''चुनाव के लिये कांग्रेस और बीजेपी समान रूप से जिम्मेदार हैं।राज्यसभा में तीन सदस्यों वाली आप ने भी कांग्रेस के रुख को विपक्ष की एकता के लिये झटका बताया। आप के संजय सिंह ने कहा ''कांग्रेस तंगदिली से राजनीति करती है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमने कांग्रेस द्वारा घोषित उम्मीदवार को बिना मांगे वोट दिया था। लेकिन कांग्रेस ने इसके लिये शुक्रिया अदा करने की औपचारिकता भी नहीं निभायी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह रवैया विपक्ष की एकता के लिये नुकसानदायक है। व्यापक हित में यह ठीक नहीं है।