26 Apr 2024, 02:36:56 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं, क्योंकि नौकरियां कम हैं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 6 2018 9:33AM | Updated Date: Aug 6 2018 9:33AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लोग सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन और अन्य समुदायों के लोगों की मांग से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं।
 
उन्होंने कहा, मान लीजिए कि आरक्षण दे दिया जाता है। लेकिन नौकरियां नहीं हैं। क्योंकि बैंक में आईटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं। सरकारी भर्ती रुकी हुई है। नौकरियां कहां हैं?आरक्षण की मांग पर उन्होंने कहा, 'एक सोच कहती है कि गरीब-गरीब होता है, उसकी कोई जाति, पंथ या भाषा नहीं होती।
 
उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिन्दू या मराठा (जाति), सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है। उन्होंने कहा, 'एक सोच यह कहती है कि हमें हर समुदाय के अति गरीब धड़े पर भी विचार करना चाहिए।' साथ ही गडकरी ने कहा कि एक सोच है जो चाहती है कि नीति बनाने वाले हर समुदाय के गरीबों पर विचार करे।
 
इससे पहले उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार का मानना है कि आरक्षण वित्तीय स्थिति के आधार पर दिया जाना चाहिए, न कि जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान को गलत बताया। समाचार एजेंसी, एएनआई ने भी इस ट्वीट को डिलीट किया और गडकरी ने जो कहा उसे ट्वीट किया।दरअसल उन्होंने कहा था कि आरक्षण का फायदा शिक्षा क्षेत्र में स्कॉलरशिप के रूप में मिल सकता है। एक विचार है कि हिंदू, मुस्लिम, मराठा या वर्ग जाति होने से पहले एक गरीब व्यक्ति गरीब होता है। 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »