नई दिल्ली। असम में नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजंस (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट जारी होने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। असम के बाद अब पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों की पहचान करने की तैयारियों की खबरों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर एनआरसी बिल को संशोधित करने या नया बिल लाने की मांग की। मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में भी इस पर काफी हंगामा हुआ।
ममता ने पत्रकारों से कहा कि बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि असम के बाद बंगाल अगला लक्ष्य है, यह आदेश किसने दिया है। अभी कोई बंगाल के बारे में कह रहा है, फिर बिहार और महाराष्ट्र की बात करेंगे, गुजरात, यूपी और इस तरह से देश नहीं चलेगा। इससे रक्तपात शुरू हो जाएगा। ममता ने कहा, 'यह बहुत बड़ी त्रासदी है। हमारे देश के शरणार्थियों को निकालकर फिर से शरणार्थी बना देना, उनकी पहचान को खत्म कर देना सही नहीं है। अगर 40 लाख लोगों की पहचान खत्म हो जाएगी तो खाना, नौकरी, घर आदि कैसे मिलेगा।'
राजनाथ ने ममता को दिया आश्वासन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बताया, 'मैंने गृहमंत्री से कहा है कि अगर ऐसा कुछ होता है तो गृह युद्ध की स्थिति बन सकती है और रक्तपात शुरू हो जाएगा।' ममता ने आगे बताया कि गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि एनआरसी के नाम पर लोगों का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। इन लोगों के साथ कोई अमानवीय बर्ताव नहीं होगा। ममता ने गृह मंत्री से कहा है कि वह यह बात संसद में भी बोलें।
आपको बता दें कि सोमवार को आए असम ठफउ के फाइनल ड्राफ्ट में 40 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं हैं, जिस पर सियासत शुरू हो गई है। ममता ने कहा, 'मैंने सुना है कि कुछ इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स भेजी गई है। कुछ कनेक्शन भी काटे गए है।' उधर, मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'मैंने उनसे (ममता) कहा कि एनसीआर का ड्राफ्ट असम अकॉर्ड और केंद्र, राज्य सरकार और आॅल असम स्टूडेंट्स यूनियन के बीच 5 फरवरी 2005 को हुई बैठक में लिए गए फैसले के आधार पर प्रकाशित किया गया है।'
ममता का आरोप- बांटने की कवायद
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि असम में ठफउ की कवायद राजनीतिक मकसद से की गई जिससे लोगों को बांटा जा सके। बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी देश को बांटने का प्रयास कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष से अपील की है कि वह इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण न करे क्योंकि सूची उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रकाशित की गई है और केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि एनआरसी के ड्राफ्ट में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।