नई दिल्ली। ताजमहल को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार केंद्र को फटकार लगा रहा है और सख्त बना हुआ है जबकि एएसआई ने भी सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके महानिदेशक ताजमहल के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार होंगे। एएसआई ने कहा कि 2013 में ही ताजमहल पर यूनेस्को ने कुछ योजनाएं दी थीं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल पर हमारी चिंता यूनेस्को द्वारा दिखाई गई रिपोर्ट से अधिक होनी चाहिए जो कहीं दिखाई नहीं दे रही है। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि कोई भी ताज संरक्षण की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
क्या यहां कोई तमाशा चल रहा है या मजाक हो रहा है। कोर्ट ने फाइनल विजन डाक्यूमेंट दाखिल करने के बजाए उसका मसौदा दाखिल करने पर उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की है। देश की शिखर अदालत अंतरराष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण के प्रति केंद्र और राज्य सरकार के उदासीन रवैये को लेकर खासी नाराज है।कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से आगामी सोमवार तक उन अधिकारियों का नाम बताने को कहा है जिनकी ताजमहल को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी होगी।
इसके अलावा कोर्ट ने ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) को संरक्षित रखने के लिए फौरी तौर पर किये जाने वाले उपायों पर उत्तर प्रदेश सरकार से 28 अगस्त तक जवाब मांगा है।कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा कि उसने हिंदी में विजन डॉक्यूमेंट अभी तक क्यों तैयार नहीं किया है जो हमारी राष्ट्रभाषा है।