नई दिल्ली। राहुल गांधी का प्रधानमंत्री को गले लगाने का मामला खासा चचार्ओं में रहा। मीडिया सूत्रों के मुताबिक गले लगाने के बाद इसे अचानक लिया गया फैसला बताया गया, लेकिन यह अचानक लिया गया फैसला नहीं था। मीडिया सूत्रों की मानें तो राहुल की पीएम मोदी को गले लगाने की प्लॉनिंग पिछल 4-5 महीने पहले बन गई थी और इसके पीछे वजह भी बताई जा रही है।
कहा जा रहा है कि फरवरी में पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में बोल रहे थे, पीएम मोदी ने अपने इस भाषण में जवाहरलाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक सबकी जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस बस 'एक परिवार' के हाथों की कठपुतली है और वो उसी की सेवा में लगी हुई है।
इसके बाद राहुल गांधी को ख्याल आया कि मोदी काफी गुस्से में हैं उन्हें एक प्यार भरी झप्पी की जरूरत है एक पार्टी नेता के मुताबिक, 'राहुल के इस कदम का मकसद यह बताना था कि विपरीत विचारधारा के बावजूद एक-दूसरे के साथ बगैर नफरत के रहा जा सकता है।' राहुल उस वक्त पीएम को गले मिलने की टाइमिंग को लेकर तैयार नहीं थे, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे लेकर बहुत लोगों से चर्चा नहीं की बस यह लंबे समय से उनके दिमाग में था।