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अलवर मॉब लिंचिंग : 3 घंटे तड़पते रहे रकबर, चाय पीती रही पुलिस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 24 2018 9:43AM | Updated Date: Jul 24 2018 9:43AM
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नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर में गो-तस्करी के संदेह में बीते शनिवार को पीट-पीटकर मारे गए रकबर खान की मौत के पीछे पुलिस की लापरवाही की कहानी सामने आ रही है।  राजस्थान पुलिस पर आरोप लग रहे हैं ,कि उसने घटना के बाद रकबर खान को अस्पताल पहुंचाने में देरी की। गंभीर रूप से जख्मी रकबर 3 घंटे तक तड़पते रहे, लेकिन पुलिस के जवान उन्हें अस्पताल पहुंचाने के बजाए चाय-पानी (नाश्ता करने) में लगे रहे।
 
घटनास्थल से महज 5-6 किलोमीटर दूर रामगढ़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तक पहुंचने में हुई देरी की वजह से रकबर खान का समय पर इलाज नहीं हो सका और उनकी मौत हो गई। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 
 
इधर, घटना को लेकर तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, याचिका में राजस्थान सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाने की मांग की गई है।  कोर्ट आगामी 28 अगस्त को मुख्य मामले के साथ इस याचिका पर भी सुनवाई करेगी।  इधर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वह संसद में इस मामले को उठाएंगे। 
 
अलवर मॉब-लिंचिंग मामले में पीड़ित रकबर खान का इलाज कराने में लापरवाही की जानकारी पुलिस द्वारा दर्ज की गई । एफआईआर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी रजिस्टर से मिली है। यह एफआईआर रामगढ़ पुलिस के एएसआई मोहन सिंह द्वारा दर्ज की गई । रामगढ़ थाना पुलिस को शुक्रवार की रात 12 बजकर 41 मिनट पर एक गो-रक्षक नवल किशोर शर्मा ने घटना की जानकारी दी । 15-20 मिनट के पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।
 
नवल शर्मा ने  बताया कि कुछ देर मुआयना करने के बाद पुलिस  वहां से चली गई।  इसके बाद पुलिस ने रात 3 बजे में रकबर की गायों को पास के गौशाला में पहुंचाया।  तब जाकर तड़के 4 बजे वह रामगढ़ सीएचसी पहुंची पुलिस के घटना के 3 घंटे बाद सुबह 4 बजे सीएचसी पहुंचने की पुष्टि अस्पताल के ओपीडी रजिस्टर से हुई है। 
 
घटना को लेकर पुलिस ने 2 लोगों को किया था गिरफ्तार
शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात हरियाणा के कोलागांव निवासी रकबर खान (28) अपने एक साथी के साथ दो गायें लेकर जा रहे थे।  अलवर के रामगढ़ थाना के लालावंडी गांव से गुजरने के दौरान अज्ञात लोगों के समूह ने गो-तस्कर होने के संदेह में रकबर और उनके साथी असलम पर हमला कर दिया। 
 
इस दौरान असलम तो किसी तरह जान बचाकर भाग निकला, लेकिन भीड़ ने रकबर की बुरी तरह से पिटाई कर दी इससे उनकी मौत हो गई घटना के बाद सीएम वसुंधरा राजे ने गो तस्करी के संदेह में की गई कथित हत्या की निंदा करते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया। 
 
वहीं प्रदेश के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि युवक के साथ की गई कथित मारपीट के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। और तीन अन्य लोगों की पहचान कर ली गई है उन्होंने कहा कि अलवर जिले में गोवंश को ले जा रहे व्यक्ति के साथ की गई कथित मारपीट निंदा योग्य है और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 
 
इलाज में देरी पर अलग-अलग बयान
रकबर खान के इलाज में हुई देरी को लेकर पुलिस अफसर, गो-रक्षक और स्थानीय ग्रामीणों के बयान में समानता नहीं है।  गो-रक्षक नवल शर्मा का दावा है कि उसने पुलिस को मौका-ए-वारदात तक पहुंचाया वहीं, कुछ पुलिस अधिकारियों का कहना है, कि घटनास्थल का पता चलने में लगी देरी की वजह से रकबर खान को समय रहते अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका वहीं, लालावंडी के ग्रामीणों ने अखबार को बताया कि उस रात करीब 1 बजे लोगों ने गांव में पुलिस की जीप देखी थी। मॉब-लिंचिंग की घटना के बाद अलवर के नए एसपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि  पुलिसकर्मियों द्वारा बरती गई लापरवाही का मामला उनके सामने आया है।  रकबर खान को सीएचसी पहुंचाने में हुई देरी के मामले की वे जांच कराएंगे । 
 
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