नई दिल्ली। भीड़ हत्या यानी मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। इसे दंडनीय अपराध के तौर पर परिभाषित करने के लिए सरकार आईपीसी यानी भारतीय दंड संहिता में संशोधन की संभावनाओं पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एक मॉडल कानून का मसौदा तैयार करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है जिसे राज्य सरकारें भीड़ हत्या की घटनाएं रोकने के लिए अपना सकें। यदि खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर डाल दिया जाता है तो सीआरपीसी एवं भारतीय साक्ष्य कानून की कुछ धाराओं में भी संशोधन करने की जरूरत होगी। सरकार इस पर अपना रुख तय कर रही है।