नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। लेकिन कृषि के हिसाब से सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश का एक चौथाई हिस्सा सूखे की चपेट में आ चुका है। मानसून पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव पिछले कई सालों से लगातार दिख रहा है। इस बार भी बारिश के मौसम में कुछ हिस्से ज्यादा बारिश के कारण जलमग्न हो रहे हैं, तो कुछ इलाके शुष्क टापू बनकर रह गए गए हैं।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, रायलसीमा के कई ऐसे इलाके हैं जहां बारिश सामान्य से 48 फीसदी तक कम हुई है। कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां अब तक बारिश के नाम पर महज छींटे पड़े हैं। करीब एक चौथाई देश का हिस्सा सूखे की ओर अग्रसर है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चूंकि जुलाई के तीन सप्ताह निकल चुके हैं और बारिश नहीं होने का मतलब अब सूखा पड़ना तय है। क्योंकि इन क्षेत्रों में फसलों के हिसाब से देरी हो चुकी है।
बारिश सामान्य पर वितरण असामान्य
देश में यदि कुल बारिश पर नजर डालें तो वह ठीक हो चुकी है। 345 मिमी बारिश अब तक हुई है, जो सामान्य से महज तीन फीसदी कम है। लेकिन 36 मौसम संभागों में से 11 संभागों में बारिश की कमी 20-48 फीसदी तक की है। जबकि आठ संभागों में जरूरत से ज्यादा बारिश हुई है, इसलिए वहां नुकसान भी पहुंचा है। इनमें कोंकण गोआ, सौराष्ट्र, मराठवाड़ा, समूचा राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं।