नई दिल्ली। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दाखिल कर चांद-तारे वाले हरे रंग के झंडों को फहराने पर रोक की मांग की है। याचिकाकर्ता की अपील है कि यह झंडा धार्मिक नहीं है और यह पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग के झंडे से मिलता-जुलता है। याचिका के अनुसार चांद-तारे वाला यह हरा झंडा कभी भी इस्लाम का हिस्सा नहीं रहा और लोगों को अपने देश में पाकिस्तान के झंडे को फहराने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। झंडे में आधा चांद और सितारे पाकिस्तान के प्रतीक जैसे लगते हैं।
आधा चांद और सितारे इस्लाम के साथ तब जुड़ गए जब ओटोमन इम्पायर ने इसे अपनाया था। झंडे का प्रदर्शन अपमानजनक न हो लेकिन अथॉरिटीज का मानना है कि यह प्रतिबंधित संस्थाओं का समर्थन करता है जिससे काननू व्यवस्था से संबंधित दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। जब श्रीनगर में आतंकी संगठन आईएसआईएस का झंडा फहराया गया था तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके तहत 5 साल की सजा का प्रावधान है।