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मोदी सरकार ने करदाताओं को दी राहत, 41 प्रश कोर्ट केस लेंगे वापस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 13 2018 4:28PM | Updated Date: Jul 13 2018 4:29PM
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नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों से ठीक पहले छोटे करदाताओं को बड़ी राहत दी है। कर वसूली से जुड़े मामलों में अपील करने की न्यूनतम सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी गई है। इस फैसले के बाद कर विभाग को ट्रिब्यूनल और विभिन्न कोर्ट में लंबित तकरीबन 41 फीसदी अपील को वापस लेना होगा।
 
लंबित मामलों में 7.6 लाख करोड़ रुपए फंसे हैं
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया बदले प्रावधानों के तहत अब 20 लाख रुपए या उससे ज्यादा की कर वसूली के मामलों में ही ट्रिब्यूनल या कोर्ट में अपील की जा सकेगी। मौजूदा सीमा फिलहाल 10 लाख रुपए है। बता दें कि इसके दायरे में कर विवादों में फंसे 5,600 करोड़ रुपए आएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर वसूली के दावों से पीछे हट जाएगी।
 
सरकार के इस फैसले से उन छोटे करदाताओं को लाभ मिलेगा जो मुकदमों का सामना कर रहे हैं। पीयूष गोयल ने बताया कि मार्च 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और विभिन्न ट्रिब्यूनल में कर वसूली से जुड़े लंबित मामलों में कुल 7.6 लाख करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।
 
29580 मामले खत्म हो जाएंगे
केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के बाद सुप्रीम कोर्ट में कर वसूली से जुड़े 54 फीसद मामलों को वापस लेना होगा। दरअसल, मौजूदा प्रावधानों के तहत 25 लाख रुपए या उससे ज्यादा की कर राशि की वसूली के लिए ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का प्रावधान है। वित्त मंत्री ने बताया कि नए मानक निर्धारित करने से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में मुकदमों की संख्या में क्रमश: 41 और 18 फीसद तक की कमी आएगी। इसके चलते कर वसूली से जुड़े कुल 29,580 मामले खत्म हो जाएंगे।
 
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