नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि दक्षिण एशिया में तेजी से विकास हो रहा है लेकिन यहां दुनिया के गरीबों की एक तिहाई से भी ज्यादा आबादी है इसलिए इस क्षेत्र के लिए सतत विकास लक्ष्य का विशेष महत्व है। श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित दक्षिण एशियाई देशों के अध्यक्षों के तीसरे शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती महाजन ने कहा "दक्षिण एशिया के देशों में विश्व के 35 प्रतिशत से भी अधिक गरीब हैं जो विकास और बुनियादी सुविधाओं संबंधी कमियों से प्रभावित है। यह क्षेत्र मानव विकास के संदर्भ में भी पिछड़ा है। आबादी का दबाव और सीमित प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के प्रतिकूल प्रभाव इस क्षेत्र में सब तरफ दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि यह सही है कि दक्षिण एशिया दुनिया के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में शामिल हैं
लेकिन विकास का लाभ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए नहीं किया गया। क्षेत्र में 80 फीसदी कार्यबल अभी भी अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत है। उन्होंने उम्मीद जातयी कि शिखर सम्मेलन के अंत में एक प्रगतिवादी घोषणा की जाएगी जिससे दक्षिण एशियाई देशों के नागरिकों का कल्याण होगा। महाजन ने भारत सरकार के आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में की जा रही पहलों का भी जिक्र किया और कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए उज्ज्वला जैसी योजनाएं चलायी जा रही हैं।
,योजना और इस प्रशासनीय योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी। श्रीलंका की संसद के आमंत्रण पर कोलम्बो गये शिष्टमंडल में श्रीमती महाजन के साथ राज्यसभा सदस्य भुवनेश्वर कालिता और लोकसभा महासचिव स्रेह लता श्रीवास्तव भी शामिल हैं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री कालिता ने कहा कि भारत के औद्योगिक विकास में विशेष रूप से पिछले दो दशकों के दौरान हरित ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है।