नई दिल्ली। भारत एवं दक्षिण कोरिया ने अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी को मंगलवार को नई ऊँचाई देते हुए समग्र आर्थिक साझेदारी करार के उन्नत बनाते हुए 'अर्ली हारवेस्ट पैकेज' के रूप में ठोस पहल की तथा विश्व में भविष्य को ध्यान में रखते हुए होने वाले तकनीकी बदलावों को देखते हुए 'इनोवेशन कोआॅपरेशन सेंटर' और 'फ्यूचर स्ट्रेटजी ग्रुप' के गठन का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में ये फैसले लिये गये। बैठक में दोनों देशों ने आपसी सहयोग के 11 करारों पर हस्ताक्षर किये गये जिनमें दोनों देशों के आर्थिक एवं कारोबारी रिश्तों को नई ऊँचाई तक ले जाने का प्रयास किया गया।
इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, संचार मंत्री मनोज सिन्हा, विदेश सचिव विजय गोखले आदि मौजूद थे। बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में श्री मोदी ने कहा, "मुझे प्रसन्नता है कि हमने अपने समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते को उन्नत करने की दिशा में आज अर्ली हारवेस्ट पैकेज के रूप में एक ठोस कदम उठाया है।
अपने संबंधों के भविष्य और विश्व में हो रहे तीव्र तकनीकी बदलावों को देखते हुए हमने साथ मिल कर इनोवेशन कोआॅपरेशन सेंटर की स्थापना और फ्यूचर स्ट्रेटजी ग्रुप के गठन करने का भी निर्णय लिया है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण कोरिया की आर्थिक और सामाजिक प्रगति विश्व में अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है। वहां के जनमानस ने दिखाया है कि यदि कोई देश एक समान विजÞन और उद्देश्य के प्रति वचनबद्ध हो जाता है तो असंभव लगने वाले लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं। कोरिया की यह प्रगति भारत के लिए भी प्रेरणादायक है।