नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सेना के आॅपरेशन आॅल आउट से बौखलाए आतंकी राज्य में अब सॉफ्ट टारगेट ढूंढ रहे हैं। आतंकवादी अब अकेले शख्स को निशाना बना रहे हैं या सिविलियंस के घरों में घुसकर उन्हें धमका रहे हैं। आतंकियों की कोशिश किसी भी तरह से माहौल को तनावपूर्ण और दहशतजदा रखने की है। सिक्यॉरिटी एजेंसी सूत्रों के मुताबिक राज्य में आतंकी सरगनाओं के खात्मे के बाद आतंकवादी बड़े टारगेट कॉर्डिनेट नहीं कर पा रहे हैं इसलिए वह सॉफ्ट टारगेट ढूंढ रहे हैं। पिछले एक-डेढ़ महीने में आतंकी वारदातों को देखें तो साफ है कि आतंकी ऐसे लोगों को निशाना बना रहे हैं जो कमजोर हैं या सुरक्षा घेरे में नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक आतंकियों का अहम निशाना फौजी कैंप या फौज के काफिले रहे हैं। आतंकियों के सरगना इन्हीं पर अटैक करने की फिराक में रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों में आतंकियों की लीडरशिप का फौज ने सफाया कर दिया है। जिससे वह अब अपना आतंक बरकरार रखने के लिए माहौल तनावपूर्ण रखने पर फोकस कर रहे हैं। इसलिए वह कभी किसी सैनिक को घर से उठा रहे हैं, कभी रास्ते से, तो कभी सिविलियंस के घर पर घुसकर उन्हें धमका रहे हैं। रविवार रात को भी 4 आतंकी शाहगुंड में पीडीपी कार्यकर्ता अब्दुल माजिद डार के घर पर जबरन घुस गए, उनकी पत्नी शकीला बेगम के विरोध करने पर उसका गला रेत दिया।
सुरक्षाबल सूत्रों का कहना है कि रमजान के दौरान सीजफायर में भी आतंकियों ने आम लोगों को निशाना बनाकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। 25 मई को हजन क्षेत्र से मोहम्मद याकूग वेग को उनके घर से आतंकियों ने अगवा किया और फिर उनकी बॉडी पास के फील्ड में मिली। 29 मई को पुलवामा के टाब में मोहम्मद अयूब का घर आतंकियों ने तोड़ दिया।
उन्हें और उनके परिवार वालों के साथ मारपीट की और धमकी दी। 8 जून को आतंकियों ने अनंतनाग के काकपोर में मंजूर अहमद पंडित पर फायरिंग की। मंजूर एक हार्डवेयर स्टोर चलाते हैं। 14 जून को शोपियां में आतंकियों ने किफायत मीर की दुकान में आग लगा दी। इसी दिन पुलवामा में करीब 6 आतंकी गुलाम नबी मीर के घर में जबरन घुस गए और परिवार वालों के साथ मारपीट की।
17 जून को आतंकियों ने कुलगाम के केलम के रहने वाले मोहम्मद इकबाल कावा पर फायरिंग की, जिन्हें हॉस्पिटल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया। आतंकियों ने 5 जुलाई को कॉन्स्टेबल जावेद अहमद डार को शोपियां से अगवा किया उस वक्त वह भी घर पर थे। दूसरे दिन उनकी बॉडी मिली। 6 जुलाई को आतंकियों ने बिजबेहरा निवासी मोहम्मद अशरफ पर फायरिंग की जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
अशरफ हनीफा मस्जिद से जुड़े हैं और इलाके के युवाओं के बीच काम करते हैं। सुरक्षा बल सूत्रों का कहना है कि आतंकी पिछले कुछ वक्त से लोगों को धमका कर या फायरिंग करने की वारदात ज्यादा कर रहे हैं। फौज ने अपने आॅपरेशंस से आतंकियों के लीडर्स का सफाया किया है और उनके नए नए लोग लोगों में दहशत का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।