लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दो दिवसीय प्रदेश के प्रवास के बाद सोशल व मीडिया में करीब 35 से 50 मौजूदा पार्टी सांसदों के टिकट काटे जाने की चचाएं होने लगी हैं। इसके चलते भाजपा के सभी 68 सांसदों की धड़कनें तेज हो गई हैं। टिकट कटने के अंदेशे में चार साल तक अपने संसदीय क्षेत्र में काम न करने वाले सांसदों ने आरएसएस से लेकर प्रदेश व क्षेत्रीय संगठनों के बड़े पदाधिकारियों के दरवाजों की परिक्रमा करनी शुरू कर दी है।
दरअसल, पिछली चार जुलाई को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष काशी, अवध और गोरखपुर क्षेत्रीय संगठनों के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए मिजार्पुर और वाराणसी आए। उसके बाद लोकसभा की यही तैयारी करने के लिए पांच जुलाई को आगरा आए और यहां उन्होंने ब्रज, कानपुर और पश्चिम क्षेत्रीय संगठनों के साथ बैठक की। उनके जाने के बाद ही सोशल मीडिया ही नहीं कुछ यूपी के सियासी हलके में मौजूदा 50 सांसदों को दोबारा प्रत्याशी न बनाए जाने की अटकलें लगने लगीं।