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मॉब लिंचिंग : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार रोके अफवाहों पर हत्याएं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 4 2018 10:22AM | Updated Date: Jul 4 2018 10:23AM
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि गो हत्या और बच्चा चुराने की अफवाह पर भीड़ द्वारा हत्या करना अपराध है। ऐसी हिंसा को रोकना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। कोर्ट भीड़ द्वारा हिंसा पर गाइडलाइन जारी किए जाने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि इस तरह की घटनाएं कानूनी मामले हैं और कोई भी कानून को हाथ में नहीं ले सकता। राज्य सरकारें ऐसे मामलों को रोकें। एडिशनल सॉलिसीटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने कहा कि सरकार इस तरह घटनाओं को लेकर चिंतित है और इनसे निपटने की कोशिश कर रही है। ये कानून-व्यवस्था की समस्या है। जो राज्य कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करते, उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई करे।
 
सुनवाई पूरी, फैसला बाद में
सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की हिंसक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश हेतु दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर बाद में फैसला सुनाएगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल छह सितंबर को सभी राज्यों से कहा था कि गौ संरक्षण के नाम पर हिंसा की रोकथाम के लिये कठोर कदम उठाए जाएं। इसमें प्रत्येक जिले में एक सप्ताह के भीतर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए और उन तत्वों के खिलाफ तत्परता से अंकुश लगाया जाए खुद के ही कानून होने जैसा व्यवहार करते हैं। 
 
तीन राज्यों से मांगा जवाब
शीर्ष अदालत ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तरप्रदेश सरकारों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिये दायर याचिका पर इन राज्यों से जवाब भी मांगा था। यह अवमानना याचिका महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन तीन राज्यों ने शीर्ष अदालत के छह सितंबर , 2017 के आदेशों का पालन नहीं किया है।
 
वाट्सएप को सरकार की चेतावनी 
देश में भीड़ द्वारा हत्याएं होने में सोशल मीडिया प्लेटफार्म वाट्सएप का उपयोग किए जाने के मद्देनजर सरकार ने मंगलवार को उसको चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित की जाए कि अफवाह वाली गतिविधियों में उसके प्लेटफार्म का उपयोग नहीं हो। उधर केंद्र सरकार अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने में जुट गई है। आईटी मंत्रालय को इसका ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है।  दूसरी ओर गृहमंत्रालय सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जल्द ही बैठक बुलाएगा।
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