श्रीनगर। बारिश की वजह से चार दिन से बंद पड़ी बाबा अमरनाथ की यात्रा रविवार को शुरू कर दी गई है। इस बार श्रद्धालुओं को यात्रा पर बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। खच्चर वालों ने इस बार दस गुना दाम कर दिए हैं। यात्रा में बिजनौर के श्रद्धालुओं का जत्था नहीं भेजने पर बिजनौर के तमाम श्रद्धालुओं ने खूब हंगामा किया।
श्रद्धालुओं की माने तो 80 प्रतिशत श्रद्धालु बिना दर्शन के ही लौटने लगे हैं। बिजनौर से कई बसों में सवार होकर अमरनाथ यात्रियों का जत्था जम्मू कश्मीर के लिए पांच दिन पहले रवाना हुआ था। श्रद्धालु शुरूआत में ही बाबा बफार्नी के दर्शन करना चाहते थे। बालटाल व पहलगांव श्रद्धालुओं के पहुंचते ही भारी बारिश की वजह से बाबा अमरनाथ की यात्रा रोक दी गई।
तमाम श्रद्धालु बीच में ही फंस गए। रविवार को बारिश रुकने पर बालटाल व पहलगांव से अमरनाथ की यात्रा शुरू की गई। दोनों जगह से पांच-पांच हजार श्रद्धालुओं के जत्थे यात्रा के लिए रवाना हुए, लेकिन बालटाल के गेट पर जत्थे को कश्मीर के लोगों ने आगे जाने से रोक दिया। इस कारण श्रद्धालुओं ने खूब हंगामा किया और कश्मीर के लोगों पर मनमानी करने का आरोप लगाया। कई लोग बिना बाबा बफार्नी के दर्शन को ही लौट गए।
बिजनौर से अमरनाथ की यात्रा पर गए स्वयंवर वैंक्वेट हॉल के स्वामी विनीत कार उर्फ लालू, मुकेश उर्फ बंटी, दीपांश भटनागर, संगीता शर्मा, दीपक गुप्ता, राजन, धामपुर के संदीप, विजयपाल व बिजनौर के श्रद्धालुओं के साथ गई गाजियाबाद निवासी ऋचा भटनागर के मुताबिक इस बार यात्रा में ज्यादा मनमानी हो रही है। वह सब बालटाल में फंसे हैं। उन्हें यात्रा में जाने से रोक दिया गया।
श्रद्धालुओं से नोकझोंक भी की गई कश्मीर के लोगों की मनमानी की वजह से 80 प्रतिशत लोग बिना दर्शन के वापस लौट रहे हैं।बारिश के साथ श्रद्धालु इस बार यात्रा में बड़ी मुसीबत में फंस गए। खच्चर वालों ने बारिश में फंसे यात्रियों को देख यात्रा कराने के दस गुना दाम कर दिए। हर साल खच्चर वाले यात्रा के लिए एक श्रद्धालु से 800 से 900 रुपये लेते थे। इस बार आठ से नौ हजार रुपये मांग रहे हैं।