नई दिल्ली। पासपोर्ट बनवाने में दिक्कतों का सामना अब बीते दिनों की बात होने वाली है। अब घर बैठे ही मोबाइल एप के जरिये देश के किसी भी इलाके से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया जा सकता है। तमाम प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद पासपोर्ट घर पहुंच जाएगा। केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को पासपोर्ट सेवा दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा की।
मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी नहीं
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पासपोर्ट बनवाने में कई तरह की दिक्कतों का जिक्र करते हुए उन्हें खत्म करने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब पासपोर्ट बनवाने के लिए मैरेज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। विदेश मंत्री ने कहा कि पासपोर्ट आवेदन के लिए कई पुराने और दुविधा भरे नियमों को खत्म कर दिया गया है। नियमों का सरलीकरण किया गया है। आम नागरिक को सुविधान देने वाले नियम बनाए गए हैं।
पूर्व पति का नाम नहीं पूछेंगे
विदेश मंत्री ने कहा कि अनाथालय के बच्चों के लिए वहां के मुखिया जो जन्मतिथि देंगे वही मान्य हो जाएगी। साधु संन्यासियों के मामले में उनके माता-पिता की जगह गुरुओं के नाम मान्य होंगे। इसके अलावा तलाकशुदा महिला से उनके पूर्व पति का नाम भी अब पासपोर्ट के आवेदन पर नहीं पूछा जाएगा।
ऐसे डाउनलोड होगा एप
पासपोर्ट सेवा ऐप को डाउनलोड करने के लिए गूगल प्लेस्टोर में जाकर इस ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के जरिये पासपोर्ट से जुड़े कई काम निपटाए जा सकते हैं।
जन्मतिथि की मुश्किल भी आसान
विदेश मंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत जन्मतिथि को लेकर आती थी। इसके लिए जन्म प्रमाणपत्र मांगा जाता था लेकिन, अब हमने जन्मतिथि के लिए 7-8 ऐसे कागजात को शामिल कर दिया है जो इस मुश्किल को आसान कर देगा। अब आधार, ड्राइविंग लाइसेंस या ऐसे ही सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त कागजात पर लिखी जन्मतिथि को मान लिया जाएगा।
हर लोकसभा क्षेत्र में होगा पासपोर्ट केंद्र
विदेशमंत्री ने कहा कि इस समय देश में कुल 307 पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं। पिछले चार साल में देश में पासपोर्ट क्रांति हुई है। सरकार ने पिछले चार साल में कुल 212 पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले हैं। अब हर लोकसभा क्षेत्र में पासपोर्ट पहुंचाने के लिए वहां पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जाएंगे। देश का एक भी लोकसभा क्षेत्र ऐसा नहीं बचेगा जहां पासपोर्ट सेवा केंद्र नहीं होगा।