नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने कांग्रेस के साथ मिलकर बहुमत तो साबित कर लिया लेकिन विभागों के बंटवारे की वजह से गठबंधन शुरुआती दौर में ही कमजोर नजर आ रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के बाद अब गठबंधन सहयोगी जेडीएस ने भी असंतोष जाहिर किया है।
इस बीच, शनिवार को बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने यह दावा कर सियासी हलचल तेज कर दी कि सत्ताधारी कांग्रेस और जेडीएस के कई असंतुष्ट नेता उनकी पार्टी में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। येदियुरप्पा की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मंत्री पद नहीं मिलने से नाखुश कांग्रेस के कुछ विधायकों की बागी गतिविधियां तेज हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकतार्ओं से कहा कि वे मजबूत विपक्ष के रूप में काम करें और 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी करें।
असंतुष्टों को शामिल करना हमारी जिम्मेदारी
भाजपा को संबोधित करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, जेडीएस और कांग्रेस से असंतुष्ट लोगों को शामिल करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में 104 सदस्यों के साथ पार्टी के पास पूरी ताकत है और हमें मजबूत विपक्ष के तौर पर काम करना चाहिए।
निजी तौर पर किसी ने नहीं जाहिर किया असंतोष'
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें केवल मीडिया में ही इस तरह के असंतोष की खबरें दिखी हैं और निजी तौर पर किसी ने भी असंतोष जाहिर नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग किसी विशेष विभाग में काम करना चाहते होंगे लेकिन सभी विभागों में कुशलता से काम करने का अवसर है। हमें कुशलता से काम करना होगा।'
विभागों को लेकर है नाराजगी
जेडीएस सूत्रों ने बताया कि जीटी देवगौड़ा और सीएस पुत्ताराजू सौंपे गए विभाग को लेकर नाखुश हैं। जीटी देवगौड़ा को उच्च शिक्षा और पुत्ताराजू को लघु सिंचाई विभाग दिया गया है। बता दें कि जीटी देवगौड़ा ने मैसूर में चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को शिकस्त दी थी जबकि पुत्ताराजू ने लोकसभा सीट छोड़कर मेलूकोटे से चुनाव लड़ा था और वहां से जीत हासिल की थी। उन्हें परिवहन समेत महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद थी।