28 Mar 2024, 19:42:57 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

पर्यावरण, बिजली संरक्षण में एलईडी लाइट उपयोगी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 5 2018 5:57PM | Updated Date: Jun 5 2018 5:57PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। पर्यावरण के साथ ही बिजली के संरक्षण के लिए एलईडी लाइट काफी उपयोगी साबित हो  रही है। मंगलवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सरकार एवं विभिन्न संस्थाओं की तरफ से पर्यावरण संरक्षण के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस श्रृंखला में देश के विभिन्न राज्यों में एलईडी वितरण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पांच जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 शहरों में स्ट्रीट लाइट बदलने और घरों के लिए एलईडी बल्ब प्रदान करने का कार्यक्रम शुरू किया था।  इस कार्यक्रम के तहम 3.5 करोड स्ट्रीट लाइट को बदलने का लक्ष्य रखा गया हैं।  अब तक 60 लाख से ज्यादा पुरानी स्ट्रीट लाइट को एलईडी स्ट्रीट लाइट में बदला गया है। 

एलईडी वितरण केन्द्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसके तहत देश भर में सस्ती दरों पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पुराने बल्बों और सीएफएल के स्थान पर एलईडी लाइट लगायी जा रही है। इसके उपयोग से बिजली की खपत में कमी हुई है वहीं कार्बन उत्सर्जन में भी कमी दर्ज की गई है। 

एलईडी वितरण कार्यक्रम का प्रारंभिक चरण अप्रैल 2014 में पुड्डुचेरी से शुरू किया गया था।  इसका मकसद 77 करोड़ पुराने बल्ब और 40 करोड़ सीएफएल को बदलना है। अनुमान है कि एलईडी के उपयोग से उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में अनुमानित 40,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी। अब तक 30.09 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब पूरे  देश में वितरित किये जा चुके हैं। 

एलईडी उत्पादों की अग्रणी कंपनी एनटीएल लेमनिस के कार्यकारी निदेशक तुषार गुप्ता ने कहा, उजाला कार्यक्रम  सरकार की ओर से ऊर्जा संरक्षण के साथ कार्बन संरक्षण की दिशा में शुरू किया एक सराहनीय कदम है।  इसके अलावा अक्षय ऊर्जा को भी बढ़ावा देने की तरफ सरकार का ध्यान है।  वर्ष 2022 तक नवीकृत ऊर्जा के जरिए 175 गीगावाट बिजली उत्पादन की योजना है।

ग्रामीण क्षेत्रों में सौर उर्जा के माध्यम से रोशनी पहुंचाने एवं विकास की मुख्यधारा से गांव के लोगों को जोड़ने वाले उपक्रम, मृदा ग्रुप के सह-संस्थापक अरुण नागपाल का कहना है कि विकास तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए अक्षय ऊर्जा पर अधिक से अधिक ध्यान देने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत आॅफ ग्रिड के माध्यम से वर्ष 2020 तक दो हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो कि सराहनीय कदम है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »