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लोकपाल चयन समिति में न्यायविद् को नियुक्त करने की प्रक्रिया जारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 17 2018 9:31AM | Updated Date: May 17 2018 9:31AM
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को लोकपाल चयन समिति में न्यायविद् नियुक्त किया है। यह जानकारी अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम को में दी। 2014 में वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव के निधन के बाद से यह पद खाली था।
 
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई वाली पीठ को अटॉर्नी जनरल ने सूचित किया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 11 मई को चयन समिति की बैठक में प्रमुख न्यायविद् के रूप में रोहतगी को नियुक्त करने का फैसला किया गया था। चयन समिति में प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्षी दल के नेता और एक प्रमुख न्यायविद् शामिल हैं।
 
2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी  की अगुआई में सरकार बनने के बाद मुकुल रोहतगी को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था। उन्होंने जून 2017 में अपने पद से इस्पीफा दे दिया। लोकपाल चयन समिति में न्यायविद् का पद 11 सितंबर 2017 को वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव का निधन होने के बाद से रिक्त था।
 
पीठ ने अटॉर्नी जनरल की दलील सुनने के बाद इस मामले की सुनवाई 2 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है। पीठ गैर सरकारी संगठन कामकाज की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल 27 अप्रैल के फैसले के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया गया है। लोकपाल की तत्काल नियुक्ति के लिए इस संगठन और कुछ अन्य की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।
 
कोई आदेश पारित करने की नहीं है आवश्यकता
 
केंद्र ने 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में समिति की हाल में हुई बैठक में लोकपाल का चुनाव करने वाली समिति में प्रमुख न्यायविद् को शामिल करने के लिए एक नाम की सिफारिश की गई है, जिसकी स्वीकृति का इंतजार है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस पर कदम उठाए गए हैं, इसलिए कोई आदेश पारित करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लोकसभा में विपक्ष के नेता सहित प्रस्तावित संसोधन संसद से पारित होने तक लोकपाल कानून लागू किए जाने तक लटकाए रखना सही नहीं है।
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