नई दिल्ली। मंगलवार को पेट्रोल-डीजल के दाम 55 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने से पहले ही ये दाम बढ़ाए गए। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने सोमवार से पेट्रोल-डीजल के दामों में 19 दिनों बाद बढ़ोतरी करना शुरू कर दिया था। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच कंपनियां अब लगातार दाम बढ़ाएंगी। अगर टैक्स का बोझ केंद्र व राज्य सरकार जनता पर कम कर दें, तो फिर राहत मिल सकती है।
अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो अभी 80 रुपए में बिकने वाला पेट्रोल 40 रुपए में मिलने लगेगा, लेकिन राज्यों को इसकी बिक्री से सबसे ज्यादा कमाई होती है। अगर राज्य पेट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में करने पर सहमत हो जाते हैं तो फिर पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के रेट न केवल सस्ते हो जाएंगे बल्कि एक समान होने की उम्मीद भी है।