नीमच। देश के ख्यातनाम साहित्यकर व कवि बालकवि बैरागी का रविवार को निधन हो गया। उनका जन्म 10 फरवरी 1931 को हुआ था। मूलत: मनासा क्षेत्र के बालकवि बैरागी साहित्य और कविता के साथ राजनीति के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। वे राज्यसभा के सदस्य रहे। इस सरस्वती पुत्र को कई सम्मानों से नवाजा गया था।
बैरागी का मनासा में भाटखेड़ी रोड पर कवि नगर पर निवास है। वहीं पर उन्होंने शाम 6 बजे अंतिम सांस ली। श्री बैरागी की गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में होती थी। वे मध्यप्रदेश में अर्जुन सिंह सरकार में खाद्य मंत्री भी रहे। कवि बालकवि बैरागी को मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा ‘कवि प्रदीप सम्मान’ भी प्रदान किया गया। उनके निधन से न केवल सियासी क्षेत्रों में, बल्कि साहित्य के क्षेत्र में भी शोक छा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
प्रतिनिधि रचनाएं
दीवट(दीप पात्र) पर दीप, झर गये पात, गन्ने मेरे भाई!!, जो कुटिलता से जियेंगे, अपनी गंध नहीं बेचूंगा, मेरे देश के लाल, नौजवान आओ रे !, सारा देश हमारा, गौरव-गीत, दरद दीवानी, दो टूक, भावी रक्षक देश के।
बाल कविताएं
विश्वास, चांद में धब्बा, चाय बनाओ, आकाश, खुद सागर बन जाओ ।