नई दिल्ली। न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए जा रहे विदाई समारोह का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया। वे 22 जून को रिटायर होंगे। पारंपरिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन रिटायर हो रहे जज के आखिरी वर्किंग डे को फेयरवेल का आयोजन करता है। लेकिन, जस्टिस चेलमेश्वर के मामले में यह कार्यक्रम 18 मई को होना था, जो सुप्रीम कोर्ट का आखिरी वर्किंग डे है। उसके बाद गर्मियों की छुट्टी के चलते 45 दिन तक कोर्ट बंद रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी विक्रांत यादव ने बताया एससीबीए का यह विचार था कि जस्टिस चेलमेश्वर के लिए फेयरवेल का आयोजन कोर्ट के आखिरी वर्किंग डे के दिन किया जाए। 22 जून को जब वे रिटायर होंगे। उस दौरान कोर्ट बंद रहेगी तथा जज और वकील दिल्ली में नहीं होंगे। इसीलिए यह कार्यक्रम 18 मई को रखने का निर्णय लिया गया था। हालांकि जस्टिस चेलमेश्वर ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की कार्यसमिति के सदस्यों ने बुधवार को एक बार फिर उनसे विदाई समारोह में शामिल होने का अनुरोध किया, परंतु व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी सहमति नहीं दी। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने बार एसोसिएशन के सदस्यों को बताया उनका जब आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण हुआ था तो उस वक्त भी उन्होंने विदाई कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया था।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के नेतृत्व में 12 जनवरी को उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद से वे विवादों में घिरे हुए हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने भी हिस्सा लिया था।