नई दिल्ली। प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत दो पायदान नीचे खिसककर 138वें स्थान पर आ गया है। रैंकिंग जारी करने वाली एक संस्था ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस गिरती रैंकिंग के लिए पत्रकारों के खिलाफ होने वाली हिंसा और अपराध को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा भारत की इस गिरती रैंकिंग के लिए पत्रकारों के साथ हो रही घटनाएं भी एक बड़ा कारण हैं। जब से नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने हैं, हिंदू चरमपंथी पत्रकारों से बहुत हिंसक तरीके से पेश आ रहे हैं। इसमें कहा गया कि कोई भी खोजी पत्रकार की खबर जो सत्तारूढ़ पार्टी को गले नहीं उतरती या फिर हिंदुत्व की किसी प्रकार की आलोचना जैसे मामलों में लेखक या रिपोर्टर को आॅनलाइन अपमानित करने और उनको जान से मारने जैसी धमकियों की बाढ़ आ जाती है। इनमें से ज्यादातर प्रधानमंत्री की ट्रोल सेना की तरफ से आती है।