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संत आसाराम बापू को मरते दम तक उम्र कैद की सजा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 26 2018 10:39AM | Updated Date: Apr 26 2018 10:40AM
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जोधपुर। संत आसाराम बापू को आश्रम के गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई  गई है। अदालत ने उन्हें दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है। जोधपुर के एससी/एसटी विशेष न्यायालय के जज मधुसूदन शर्मा ने बुधवार को 453 पेज के अपने आदेश में यह फैसला सुनाया।  पास्को एक्ट में उम्रकैद की यह पहली सजा है।  कोर्ट ने गुरुकुल की हॉस्टल वार्डन और बापू की सेविका शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता और सेवक शरदचंद्र को 20-20 वर्ष की कैद की सजा का ऐलान किया। 
 
कोर्ट ने सह आरोपी आसाराम बापू के खानसामा प्रकाश द्विवेदी और सेवादार शिवा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। पिछले साढ़े चार साल से जेल में बंद 77 वर्षीय आसाराम बापू ने फैसला सुनाए जाने के बाद दोनों हाथ ऊपर करते हुए कहा कि जैसी ऊपरवाले की मर्जी। जब अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया, तो उन्होंने ने जज से दोनों हाथ जोड़कर कहा कि मेरी उम्र पर रहम करो। यह कहते ही उनकी आंखें नम हो गईं और दोनों हाथ अपने माथे पर रख लिए।
 
सेंट्रल जेल में ही लगी कोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश के कारण जोधपुर के एससी/एसटी विशेष न्यायालय के जज मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर की सेंट्रल जेल में ही संत आसाराम बापू व चार सह आरोपियों को फैसला सुनाया। सुरक्षा व्यवस्था के तहत जोधपुर पुलिस ने जोधपुर सेंट्रल जेल को एक दिन पहले से ही छावनी बना रखा था। 
 
जज शर्मा सुबह करीब 8 बजे पहले जोधपुर कोर्ट परिसर स्थित अपनी विशेष अदालत पहुंचे। चुंकि जोधपुर जेल में अदालत लगानी थी, इसलिए उन्होंने यहां से ट्रांजिट आॅर्डर निकाले। इसके बाद 9.35 बजे वे जोधपुर जेल पहुंचे और करीब 9.40 बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई। जेल के एक हॉल में अदालत लगाई गई। यहां आसाराम बापू और सह आरोपी उसी कठघरे में खड़े थे, जहां 31 साल पहले 1985 में चार वर्ष के लिए टाडा कोर्ट बनी थी, जिसके कठघरे में अकाली नेता गुरचरणसिंह तोहड़ा खड़े थे।
 
अदालत का फैसला सुनने के बाद नम हुईं बापू की आंखें
तीन गवाह मारे गए, कई लापता
इस मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य गवाह कृपाल सिंह, वैद्य अमृत प्रजापति और अखिल गुप्ता पर जानलेवा हमले हुए जिनमें उनकी मौत हो गई। इसके अलावा कई गवाह हमले में गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि कई ऐसे गवाह थे, जो गायब हो गए और आज तक लापता हैं।
 
कोर्ट में देरी से पहुंचे आसाराम बापू
आसाराम बापू कोर्ट में देरी से पहुंचे। इस कारण सुनवाई देरी से शुरू हुई। सफेद कुर्ता और लाल टोपी पहने आसाराम बापू करीब 9.40 बजे जेल में लगी अदालत पहुंचे और पहुंचते ही उन्होंने जज को कहा कि क्षमा करना, मैं थोड़ा भक्ति में लीन था। हालांकि जज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जेल सूत्रों के अनुसार आसाराम बापू फैसला सुनने के लिए अपने बैरक से निकलने से पहले पूजा करने बैठ गए थे। उन्हें रात को भी नींद नहीं आई और बेचैन रहे। सुबह भी जल्दी उठकर सेल में इधर-ऊधर घूमते रहे।
 
जज ने की यह टिप्पणी
जज मधुसूदन शर्मा ने फैसला सुनाते वक्त सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आसाराम संत कहलाते हैं, लेकिन उन्होंने जप करवाने का बहाना कर पीड़िता को अपने कमरे में बुलाकर दुष्कर्म किया। दोषी ने न सिर्फ पीड़िता का विश्वास तोड़ा, बल्कि आम जनता में संतों की छवि को भी नुकसान पहुंचाया।
 
बापू को इन धाराओं में इतनी सजा
- धारा 376(2)(एफ): आजीवन कारावास, 1 लाख रुपए जुर्माना।
- धारा 376डी: आजीवन कारावास, 1 लाख रुपए जुर्माना।
- धारा 370(4): 10 वर्ष कठोर कारावास, 1 लाख रुपए जुर्माना।
- धारा 342: एक वर्ष का कठोर कारावास, 1000 रुपए जुर्माना।
- धारा 506: एक वर्ष का कठोर कारावास, 1000 रुपए जुर्माना।
- जेजे एक्ट की धारा 23: 6 माह का साधारण कारावास।
 
बापू पर रेप का आरोप ही नहीं है
गुजरात के पुलिस के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने संत आसाराम बापू के मामले में दावा किया है कि आसाराम बापू के खिलाफ दुष्कर्म का केस तो है ही नहीं। इतना ही नहीं वंजारा ने आगे कहा है कि आसाराम बापू को ऊपरी अदालत से आसानी से जमानत मिल जाएगी। वंजारा ने बताया कि उनके पास आसाराम बापू के केस की प्राथमिकी रिपोर्ट और चार्जशीट की कॉपी है। वंजारा के मुताबिक यह केस रेप का नहीं था। ट्रायल के दौरान पीड़िता ने अपने साथ दुष्कर्म होने का जिक्र नहीं किया था। प्राथमिकी में सिर्फ इस बात का जिक्र है कि आसाराम बापू ने उन्हें गलत तरीके से छुआ। वंजारा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बापू जी सिर्फ इसी चार्ज के तहत दोषी करार दिए गए हैं। डीजी वंजारा ने माना कि पिछले कई सालों से वे आसाराम बापू के अनुयायी रहे हैं। वंजारा ने इसे आसाराम बापू को बदनाम करने की एक साजिश बताया। उन्होंने कहा कि एक संत को बदनाम करना देशहित और सनातन धर्म दोनों के लिए ठीक नहीं है। 
 
सुविधाएं होंगी बंद
जेल में आसाराम बापू को कैदी नंबर 130 दिया गया है।  अदालत के फैसले से पहले तक आसाराम बापू को जेल में घर का बना खाना भी मिल जाता था। वे घर के कपड़े भी पहन सकते थे, लेकिन अब ये सभी सुविधाएं उन्हें नहीं मिलेंगी।
 
अकोला आश्रम में तोड़फोड़
महाराष्ट्र के अकोला में संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने आसाराम बापू के आश्रम पर पथराव कर तोड़-फोड़ की है।
 
इंदौर से किया था गिरफ्तार
आसाराम बापू को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर, 2013 को जोधपुर लाया गया था। दो सितंबर, 2013 को उन्हें न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
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