अहमदाबाद। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 127वीं जयंती पर दलित समुदाय के लोगों में मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखाई दिया। गुजरात के वडोदरा में केंद्रीय्य मंत्री मेनका गांधी एवं भाजपा नेताओं ने आंबेडकर की जिस प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, उसे दलित समुदाय के कार्यकर्ताओं ने दूध से धोकर साफ किया। उनका कहना था भाजपा नेताओं की मौजूदगी से वहां का माहौल दूषित हो गया था।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री भाजपा सांसद रंजनबेन भट्ट, शहर के महापौर भरत डांगर, भाजपा विधायक योगेश पटेल एवं अन्य के साथ आंबेडकर की प्रतिमा पर पहुंची थीं। इस दौरान वडोदरा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी संघ के महासचिव ठाकोर सोलंकी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी।
इसे लेकर उनका पुलिस से विवाद भी हुआ। सोलंकी के अनुसार हमने पुलिस से कहा पहले हम यहां पहुंचे हैं, इसलिए प्रतिमा पर पहले श्रद्धांजलि अर्पित करने का अधिकार हमारा है, लेकिन पुलिस ने प्रोटोकॉल का हवाला देकर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने से रोक दिया।
पंजाब, गुजरात में छुटपुट झड़पें
डॉ. आंबेडकर की जयंती के मौके पर एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे, वहीं दूसरी तरफ देश के कई हिस्सों में तनाव पैदा हो गया। कुछ स्थानों पर छुटपुट हिंसक घटनाएं होने की भी खबर है। पंजाब के फगवाड़ा में एक चौक का नाम बदलने को लेकर हुए हिंसक संघर्ष के कारण राज्य के चार जिलों कपूरथला, जालंधर, नवांशहर तथा होशियारपुर में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं 24 घंटों के लिए रोक दी गर्इं।
यहां शुक्रवार देर रात उस समय तनाव पैदा हो गया, जब दलित समाज के युवकों ने गोल चौक पर डॉ. आंबेडकर का फ्लैक्स बोर्ड लगाने तथा चौक का नाम 'संविधान चौक' करने का प्रयास किया। हिंदूवादी संगठनों ने इसका विरोध किया, जिसके चलते दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया। इसमें चार लोग घायल हुए तथा कारों और स्कूटरों सहित कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। एक समूह के कुछ शरारती तत्वों ने गोलियां भी चलाईं, जिसमें एक व्यक्ति के घायल होने की खबर है।
इस बीच शिवसेना नेता राजेश पल्टा की शनिवार सुबह यहां वाल्मीकि चौक पर दलितों द्वारा कथित तौर पर पिटाई किए जाने से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। उधर, पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि पूज्य बाबा साहब ने समाज के निचले और गरीब तबके से आनेवाले लाखों लोगों को उम्मीदें दीं। संविधान निर्माण को लेकर उनके प्रयासों के चलते हम हमेशा उनके आभारी बने रहेंगे।