नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर मनमुटाव का मामला सामने आया है। चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया के मास्टर आॅफ रोस्टर के मुद्दे पर दायर की गई शांति भूषण की याचिका पर जस्टिस चेलमेश्वर ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। इस दौरान जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि वे नहीं चाहते हैं कि 24 घंटे के अंदर ही उनका आदेश पलट दिया जाए। मैं दो महीने बाद ही रिटायर हो रहा हूं। आगे देश खुद ही फैसला कर लेगा।
जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद सबसे सीनियर जज हैं। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि मेरे लिए कहा जा रहा है कि मैं किसी आॅफिस को हथियाने के लिए ये सब कर रहा हूं। अगर किसी को चिंता नहीं है तो मैं भी चिंता नहीं करूंगा।
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि इतिहास को देखते हुए मैं इस मामले को नहीं सुनूंगा। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस चेलमेश्वर के सामने शांति भूषण की याचिका को मेंशन करते हुए कहा कि उन्होंने चीफ जस्टिस के मास्टर आॅफ रोस्टर को चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि केसों के आवंटन का काम कॉलेजियम के जजों को करना चाहिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का डायरी नंबर नहीं दे रही है। मामले की सुनवाई वरिष्ठ जजों को ही करनी चाहिए।