नई दिल्ली। वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को आईसीआईसीआई बैंक की ओर से 3250 करोड़ रुपए लोन दिए जाने के मामले में बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही है। धूत समेत इन तीनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
लुक आउट नोटिस एक इंटरनल सर्कुलर जैसा होता है, जिसमें जांच एजेंसी को किसी शख्स के बारे में जिस तरह की जानकारी चाहिए होती है उसे उस हिसाब से जारी की जाती है और इसमें उसे रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक शामिल है। यह नोटिस सीधे एयरपोर्ट इमीग्रेशन विभाग को भेजा जाता है और उसे देश से बाहर नहीं जाने और उससे संबंधित सूचना देने के लिए निर्देश दिए जाते हैं।
वीडियोकॉन लोन मामले में सीबीआई जल्द ही चंदा कोचर से पूछताछ कर सकती है। वेणुगोपाल धूत को बैंक द्वारा दिए गए लोन मामले में प्रारंभिक जांच कर रही एजेंसी जल्द ही चंदा कोचर का बयान दर्ज करेगी। चंदा से पूछताछ दिल्ली में होगी।
यह प्रक्रिया हो चुकी पूरी
बैंक के सभी अधिकारियों जिनका लोन पास कराने में योगदान था, उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
सीबीआई ने इस लोन से जुड़े सभी दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है।
नियमों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच के दौरान सीबीआई अधिकारिक नोटिस जारी नहीं कर सकती, लेकिन जरूरत पड़ने पर पूछताछ जरूर कर सकती है।
तीन बैंकों के सीईओ का बोनस रोका
बैंकों में निकल कर आ रहे अरबों के घोटालों के बीच रिजर्व बैंक ने तीन प्रमुख प्राइवेट बैंकों के सीईओ का पिछले साल के लिए दिए जाने वाले बोनस पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह बोनस राशि करीब 6 करोड़ रुपये है जो कि बैंकों द्वारा इन सीईओ को वित्त वर्ष 2016-17 की परफॉर्मेंस के लिए दिया जाना था। रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर, एक्सिस बैंक की शिखा शर्मा और एचडीएफसी बैंक के आदित्य पुरी को 31 मार्च, 2017 को खत्म वित्त वर्ष के लिए बोनस जारी करने की अनुमति नहीं दी है।
बैंकों पर आरोप
रिजर्व बैंक के आॅडिट के मुताबिक मार्च, 2017 में समाप्त वित्त वर्ष में एक्सिस बैंक ने 5600 करोड़ रुपये के डूबे हुए कर्जों की जानकारी छुपाई है। एचडीएफसी की भी वित्तीय रिपोर्ट में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। आईसीआईसीआई बैंक का कहना है कि उसे डूबते ऋणों के बारे में जानकारी देने की जरूरत ही नहीं है।