नई दिल्ली। सरकार ने आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास तथा क्षमता निर्माण के लिये बहुउद्देश्यीय ‘वन धन विकास केंद्र’ की स्थापना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि प्रयोग के तौर पर पहला वन धन विकास केंद्र की स्थापना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में की जाएगी। इस केंद्र में लगभग 300 युवा लोगों का कौशल विकास किया जाएगा और उनके क्षमता विकास के साथ -साथ प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई तथा उत्पादों का मूल्यवर्धन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस केंद्र लागत लगभग 43.38 लाख रुपए होगी। केंद्र में युवाओं को इमली, महुआ भंडारण तथा कलौंजी की साफ सफाई तथा पैकेंिजग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र की स्थापना की जिम्मेदारी ट्राईफेड को सौंपी गयी है। स्थानीय प्रशासन इसमें मदद करेगा। केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आदिवासी युवाओं का चयन स्वयं सहायता समूह की मदद से ट्राईफेड करेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम 10 अप्रैल से आरंभ हो जाएगा। पहले यह केंद्र पंचायत भवन में शुरू किया जाएगा और स्वयं सहायता समूह इसका संचालन करेगा।
इसके बाद इसे केंद्र के लिए बने भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि वन धन विकास केंद्र योजना आदिवासी समाज के आर्थिक उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा। इससे वन उत्पादों का उचित दाम दिलाने में मदद मिलेगी और उनका मूल्यवर्धन हो सकेगा।