नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने एक उम्मीदवार के दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति संबंधी प्रावधानों के खिलाफ याचिका का जहां उच्चतम न्यायालय में समर्थन किया, वहीं शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार के सर्वोच्च विधि अधिकारी ‘एटर्नी जनरल’ से इस बाबत अपनी राय देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा, “हमने एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से इस मामले में सहयोग मांगा है। उन्होंने सहयोग के लिए सहमति जतायी है,
लेकिन याचिका के जवाब के लिए कुछ समय मांगा है।” न्यायमूर्ति मिश्रा ने वेणुगोपाल का अनुरोध स्वीकार करते हुए कहा, “समय दिया जाता है। मामले को अगली सुनवाई के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में सूचीबद्ध किया जाए। इस बीच निर्वाचन आयोग ने हलफनामा दायर करके याचिकाकर्ता की उस दलील का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि एक उम्मीदवार के एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने संबंधी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान अनुचित हैं
और इसे खत्म किया जाना चाहिए। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि उम्मीदवारों को एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए, क्योंकि इससे सरकारी राजस्व पर अनावश्यक बोझ बढ़ता है। हलफनामा में आयोग ने यह भी कहा है कि यदि कोई उम्मीदवार दोनों सीट जीतने के बाद एक सीट खाली करता है तो उससे दूसरे सीट के उपचुनाव पर आने वाला खर्च वसूला जाना चाहिए।