नई दिल्ली। देश में कई बड़े-बड़े घोटाले सामने लाने वाली कैग (कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन गाडिय़ों से राशन की ढुलाई का जिक्र है वो जांच में स्कूटर और बाइक निकले। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये संदेह है कि राशन बांटा ही नहीं गया और फर्जी ढुलाई दिखाई गई। वित्तीय वर्ष 2016-17 की सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए बस, तिपहिया वाहन, मोटर साइकिल और स्कूटर का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट में संदेह जताया गया है कि राशन बांटा भी नहीं गया होगा और ढुलाई के फर्जी आंकड़े दिखाए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में राशन की ढुलाई के 2016-17 में कुल 207 गाडिय़ां इस्तेमाल में लाई गयीं। इनमें से तकरीबन 42 गाडि़यां दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पंजीकृत ही नही थी। इसके अलावा 8 गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन बस, ऑटो रिक्शा,या दोपहिया वाहन के नाम पर था। इन गाडिय़ों पर इतनी बड़ी मात्रा में अनाज नही ढोया जा सकता था।
इस पर सीएजी ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि, 'इससे सन्देह पैदा होता है कि राशन का वितरण हुआ ही नही और अनाज चोरी की आशंका से नकारा नही जा सकता। इसमें कहा गया है कि जिन लोगों के पास दूसरों राज्यों के आधार कार्ड थे, वे भी इस योजना के दिल्ली में लाभार्थी बन गए और उचित दर दुकानों के लाइसेंस होल्डरों तथा परिवारों जिनके पास आर्थिक क्षमता थी उन्होंने भी इस योजना के लाभ हासिल कर लिए। विशेष खाद्य सामग्री को ढोने के लिए जिन पंजीकृत बसों, स्कूटरों और तिपहिया वाहनों का इस्तेमाल किया गया उन्हें लेकर भी शक है कि क्या उनका इस्तेमाल परिवहन के लिए किया गया था।