नई दिल्ली। कांग्रेस के नवनिर्वाचित महासचिव अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संगठन की मजबूती के लिए सात सूत्री फॉर्मूला बताया है। राहुल गाधी के अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात के प्रभारी रहे अशोक गहलोत को आॅल इंडिया कांग्रेस के महासचिव पद पर लंबे समय से जिम्मेदारी संभाल रहे जनार्दन द्ववेदी की जगह नियुक्त किया गया है।
यह है सात सूत्री फॉर्मूला
प्रदेश, जिला, ब्लॉक और बूथ कमेटी का एक निश्चित समय पर गठन हो। जल्द से जल्द प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाएं और इसकी शुरुआत पार्टी कर चुकी है।
कमिटी के सदस्यों की पूरी डिटेल, उनकी पृष्ठभूमि और विशेषज्ञता का डेटाबैंक तैयार किया जाए। जरूरत पड़ने पर उनका पार्टी के लिए इस्तेमाल किया जाए।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को हर स्तर पर 50 फीसदी आरक्षण दिया जाए। 40 साल की उम्र तक के लोगों को 60 फीसदी पदों पर नियुक्त किया जाएगा। 40 फीसदी पदों पर पुराने लोग रिपीट किए जाएंगे।
पार्टी की केंद्रीय इकाई से दिए गए क्रियाकलापों की आॅडियो- वीडियो विजुअल से निगरानी की जाए और कार्यक्रम की पूरी डिटेल केंद्र को भेजी जाए।
प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर संगठन के सभी कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए हर राज्य में एक प्रभारी के साथ चार प्रभारी सचिवों की नियुक्ति की जाएगी।
पार्टी के ट्रेनिंग प्रोग्राम और अधिवेशन तय समय सीमा में आयोजित किए जाएं जिसमें विशेषज्ञों, जानकारों और नेताओं के व्याख्यान भी हों। युवाओं और प्रोफेशनल्स को पार्टी से जोड़ना होगा।
कार्यक्रम की समीक्षा के लिए राहुल गांधी हर चार महीने में राज्य के प्रभारी और प्रभारी सचिवों के साथ बैठक करें। जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को संगठन में काम दिया जाए।
इसके अलावा संगठन में नेताओं की मॉनिटरिंग की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को साफ निर्देश दे दिए हैं। मॉनिटरिंग के जरिए संगठन के लोगों की जवाबदेही तय होगी।