नई दिल्ली। संसद में विपक्षी दलों ने सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर भारी हंगामा किया, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार 18वें दिन भी बाधित रही और विधायी कामकाज के बिना दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में चार दिन के अवकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया और सभापति के आसन के पास पहुंचकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। सदस्य ‘दलितों पर अत्याचार बंद करो’ तथा ‘मोदी सरकार- दलित विरोधी सरकार’ के नारे लगा रहे थे। इसी बीच रोज की तरह तेलुगूदेशम और अन्नाद्रमुक के सदस्य आंध्रप्रदेश व कावेरी का मुद्दा उठाते हुए आसन के पास आ गए और दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी होने लगी।
हंगामा रोकें तो सरकार चर्चा के लिए तैयार
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सहमत हैं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी। शोरशराबे के बीच जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गए। संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है तो विपक्ष को हंगामा नहीं करना चाहिए। कई बार आग्रह के बाद भी सदस्य शांत नहीं हुए तो सभापति ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।