नई दिल्ली। अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी मामले और तेलुगू देशम पार्टी के सदस्यों ने आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को मंगलवा को भी राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस प्रकार 16वें दिन भी सदन में कोई कामकाज नहीं हुआ।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने और आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद अन्नद्रमुक और तेदेपा के सदस्य सदन के बीच में आ गए और नारे लगाने लगे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से व्यवस्थित होने का अनुरोध करते हुए कहा कि 40 सदस्य सेवानिवृत हो रहे हैं जो अपने अनुभव को बताएंगे। उन्होंने कहा कि एक दिन आप सभी को भी सेवानिवृत होना है।
इसके बाद नायडू ने विपक्ष के नेता से सदन संचालन के संबंध में अपनी राय बताने को कहा। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह सदन की कार्यवाही चलाए जाने के पक्ष में हैं। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सदन के वरिष्ठ सदस्य छह साल के कार्यकाल के बाद अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। वे अपने सदन के अनुभव को बताना चाहते हैं । सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
इसके बाद भी सदस्यों के सदन के बीच में रहने पर नायडू ने कहा कि वह अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं। सदस्यों का सदन के बीच में आना ठीक नहीं है। नारे लगाने और प्ले कार्ड दिखाने से ताकत नहीं मिलेगी। इसके बाद भी सदस्य अपनी सीट पर नहीं गए तो सभापति ने सभी पार्टियों के नेताओं को अपने कक्ष में आ कर बातचीत करने का अनुरोध करते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दोबारा सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में नायडू ने सदस्यों से गरिमापूर्ण ढंग से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक के तीन सदस्य अपनी सीट के सामने खडे हो गए। सभापति ने कहा कि उनके पास दो ही विकल्प हैं। वह सदन की कार्यवाही स्थगित कर दें या सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करें। इसके बाद भी अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने स्थान पर खडे रहे तो नायडू ने सदन की कार्यवाही कल ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।