नई दिल्ली। चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि भारतीय सीमा पर यथास्थिति में बदलाव करने के चीन के किसी भी प्रयास से एक और डोकलाम जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसी घटनाओं से बचने का सर्वोत्तम उपाय स्पष्ट और खुलकर बातचीत करना है। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए साक्षात्कार में बंबावले ने कहा दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण न होना एक गंभीर समस्या है और दोनों देशों को तत्काल अपनी सीमाओं को पुनर्निर्धारण की जरूरत है।
बंबावले ने कहा नई दिल्ली ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) का विरोध किया है, लेकिन देश बेल्ट एंड रोड पहल पर मतभेद को विवाद नहीं बनाना चाहता। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि भारत अमेरिका, जापान और आॅस्ट्रेलिया के ब्लॉक में शामिल हो रहा है। दोनों देशों की सेनाएं पिछले वर्ष भारत की पूर्वी सीमा में स्थित डोकलाम में 73 दिन तक एक-दूसरे के आमने-सामने थीं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। बंबावले ने शनिवार को प्रकाशित साक्षात्कार में कहा भारत-चीन सीमा पर शांति और तिराहा बनाए रखने के लिए कुछ खास क्षेत्र हैं, जो कि बेहद संवेदनशील हैं और हमें यहां यथास्थिति नहीं बदलना चाहिए। अगर कोई यथास्थिति बदलता है तो इससे डोकलाम जैसी ही स्थिति निर्मित होगी।
भारत की प्रतिक्रिया
राजदूत बंबावले ने कहा चीनी सेना ने डोकलाम क्षेत्र में यथास्थिति बदली और इसलिए भारत ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। चीनी सेना की ओर से यथास्थिति बदलने के कारण हमने प्रतिक्रिया दी थी। जब गत वर्ष डोकलाम जैसी स्थिति पैदा हुई थी, इसका मतलब था कि हम एक-दूसरे के साथ खुले और स्पष्ट नहीं थे, इसलिए हमें एक-दूसरे के साथ खुलापन बढ़ाने की जरूरत है। राजदूत ने कहा इसका मतलब है, अगर चीनी सेना सड़क बनाने जा रही है तो उन्हें हमें अवश्य ही यह कहना चाहिए कि हम सड़क बनाने जा रहे हैं। अगर हम इस पर सहमत नहीं होंगे तो यह जवाब दे सकते हैं कि आप यथास्थिति बदल रहे हो। कृपया ऐसा न करें। यह काफी संवेदनशील क्षेत्र है।
क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन न हो
चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना पर भारत की चिंता से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा अगर यह पहल अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ है तो नई दिल्ली को कोई समस्या नहीं है। नियम यह है कि परियोजना द्वारा किसी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। दुर्भाग्य से सीपेक से भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन होता है, इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं। बंबावले ने कहा बेल्ट एवं रोड पहल पर हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमें कभी भी मतभेदों को विवाद का रूप नहीं लेने देना चाहिए।
सभी देशों से मजबूत संबंध
बंबावले ने कहा मैं आपको स्पष्ट रूप से बता देना चाहता हूं कि भारत का इन सभी देशों के साथ एक अलग संबंध है। यह काफी मजबूत संबंध है और भारत मालदीव, नेपाल, श्रीलंका में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसलिए हमारा संबंध इन सभी देशों के साथ काफी मजबूत है।