नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में स्वीकृत 40.65 लाख मकानों में से 18.47 लाख मकानों की नींव डाली जा चुकी है और 3.5 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2014 तक अधूरे पड़े मकानों और जेएनएनयूआरएम के तहत स्वीकृत मकानों में से 1.7 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस तरह निर्मित घरों की कुल संख्या 5.2 लाख के आंकड़े को छू चुकी है। पिछले एक वर्ष में सरकार ने 21.65 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है।
आवासीय परियोजनाएं अपने निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने में आम तौर पर 18 से 24 महीने लेती हैं। इसलिए मकान निर्माण के लिए नींव डाले जाने को जमीनी स्तर पर योजनाओं की वास्तविक प्रगति का सही संकेत माना जाता है। निर्माण के लिए जिन मकानों की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है उनमें से 55 प्रतिशत मकानों का काम शुरुआती स्तर पर, 12 प्रतिशत मकानों का काम नींव डाले जाने के स्तर पर और बाकी मकानों का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में है।
आवास विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) सही दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रत्येक महीने इस योजना के तहत तीन लाख से भी अधिक मकानों को मंजूरी दी जा रही है और पूर्ववर्ती योजनाओं की तुलना में इसका काम ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र ने इस योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता के रूप में 13 हजार 582 करोड़ रुपये जारी किए हैं। योजना के त्वरित कार्यान्वयन के लिए विभिन्न चरणों में बजट से अलग संसाधन जुटाने हेतु सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये के लिए एक राष्ट्रीय शहरी आवास कोष की घोषणा की है।
सरकार ने वर्ष 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने के मकसद से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। यह शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अलग अलग चलायी जा रही है।