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दो दलों के बाद कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 24 2018 9:37AM | Updated Date: Mar 24 2018 9:37AM
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नई दिल्ली। तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तीसरी पार्टी होगी, जो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद में विपक्ष के हंगामे के बाद शुक्रवार की कार्यवाही भी स्थगित कर दी। इसके चलते वाईएसआर और तेदेपा के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर आज भी चर्चा नहीं हो सकी।

तेदेपा और वाईएसआर के बाद अब कांग्रेस ने भी संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है, जबकि इस मुद्दे पर संसद में पहले से ही गतिरोध जारी है। तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला कर इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। संसद में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को लोकसभा महासचिव को नोटिस देकर मांग की है कि 27 मार्च को कार्यवाही के दौरान अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाए।

वाईएसआर-तेदेपा के नोटिस पर नहीं हो सकी चर्चा
 
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद में विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के बाद  कार्यवाही भी स्थगित कर दी। इस कारण वाईएसआर और तेदेपा के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर चर्चा नहीं हो सकी। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस तब तक स्वीकार नहीं करेंगी, जब तक सदन में शांति नहीं हो जाती। महाजन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए सांसदों की गिनती तभी संभव है, जब वे अपनी सीट पर मौजूद होंगे। गौरतलब है केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 50 सांसदों की सहमति जरूरी है।
 
सरकार ने चर्चा के लिए सहमति दे दी : महाजन
 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अपनी सहमति दे दी है। उल्लेखनीय है कि वाईएसआर, तेदेपा और अब कांग्रेस भले ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नोटिस दे रही हैं, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार आसानी से संसद में बहुमत जुटा लेने की स्थिति में है। गौरतलब है कि लोकसभा में यह लगातार तीसरा हफ्ता है, जब सदन की कार्यवाही बिना किसी कामकाज के स्थगित करना पड़ी। पिछले कुछ दिनों से संसद के दोनों सदन बैंकिंग घोटाले, कावेरी नदी जल विवाद और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ रहे हैं।
 
एनडीए से अलग हो चुकी है तेदेपा
 
विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा ने हाल ही में एनडीए से नाता तोड़ लिया था और अब वाईएसआर कांग्रेस के साथ मिलकर तेदेपा केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। आंकड़ों की बात करें तो तेदेपा के पास 16 सांसद हैं, वहीं वाईएसआर कांग्रेस के पास नौ और कांग्रेस के पास 44। सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 272 सांसदों की जरूरत होगी, ऐसे में अगर सहयोगी पार्टियों को छोड़ भी दिया जाए तो भाजपा के ही संसद में 273 सांसद हैं। ऐसी स्थिति में सरकार आसानी से अपना बहुमत साबित करने की स्थिति में है।
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