नई दिल्ली। आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने आज भी राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही लगातार तीसरे सप्ताह एक भी दिन नहीं चल सकी और इसे सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में यह लगातार 15 वां दिन है जब विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है। शहीदी दिवस के माैके पर देश को आजाद कराने में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीद सरदार भगत सिंह ,सुखदेव और राजगुरु को सदन में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित दिये जाने के बाद सभापति एम़ वेंकैया नायडू ने कार्यवाही संचालित करने की कोशिश की।
उन्होंने भारतीय पुनर्वास परिषद के लिए निर्वाचन का प्रस्ताव पेश करने के वास्ते समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत का नाम पुकारा तभी तेलुगु देशम पार्टी,अन्नाद्रमुक और कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुये सभापति के आसन के समक्ष पहुंच गये। भारी हंगामे के बीच श्री गहलोत ने प्रस्ताव को सदन पटल पर रखा और इसे ध्वनिमत से पारित किया गया। इसके बाद नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वह अपने कार्यकाल के पहले दिन से सदस्यों से सुचारू कार्यवाही चलाने में मदद की अपील कर रहे हैं लेकिन पिछले तीन सप्ताह में सदन की कार्यवाही नहीं चलना बहुत ही दुखद है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या हम न्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा यह कोई बाजार नहीं है। यह संसद है और हमारी कुछ जिम्मेदारियां है।’हालांकि हंगामा कर रहे सदस्यों पर उनकी इस भावनात्मक अपील का कोई असर नहीं हुआ और हंगामा थमता न देख श्री नायडू ने कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश में स्टील संयंत्र की मांग कर रहे थे जबकि कांग्रेस के श्री के वी पी रामचंद्र राव राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे थे। इसी दौरान अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस सदस्य भी नारेबाजी करते हुये सदन के बीचोंबीच पहुंच गए।