चेन्नई। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत को लेकर एक और खुलासा हुआ है। अपोलो अस्पताल के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने बताया कि जयललिता के इलाज के दौरान अस्पताल के सभी कैमरों को बंद कर दिया गया था। साथ ही अस्पताल में जयललिता के लिए 24 बेड का पूरा आईसीयू डिपार्टमेंट बुक किया गया था, जिसमें वह अकली मरीज थीं।
रेड्डी ने अपोलो इंटरनेशनल कोलोरेक्टल सिम्पोसियम की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिवंगत जयललिता की मौत के संबंध में अपोलो अस्पताल प्रबंधन मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए. अरुमुगस्वामी की अध्यक्षता वाली जांच समिति को सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं। मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या सीसीटीवी फुटेज भी सौंपे गए हैं, इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जिस दिन जयललिता (अम्मा) अस्पताल में भर्ती हुई थीं, उसी दौरान वहां लगे सभी कैमरे बंद करा दिए गए थे। दरअसल, वह नहीं चाहती थीं कि उनके इलाज से जुड़ा कोई फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो। वहीं आईसीयू में लोगों का आना-जाना भी प्रतिबंधित किया गया था। उस वक्त आईसीयू में मौजूद अन्य मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था।
ऐसा कोई वीडियो नहीं, जो छुपाया जाए
रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि ऐसा कोई वीडियो नहीं है, जिसके बारे में हम नहीं चाहते कि सभी उसे देखें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा कर्मियों ने जयललिता को बचाने का अथक प्रयास किया, लेकिन दिल का जबरदस्त दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया। बुखार और निर्जलीकरण के कारण सितंबर 2016 में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रेड्डी ने बताया कि अस्पताल ने जयललिता को बचाने का अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया।
शशिकला ने दी आखिरी पलों की जानकारी
वहीं दूसरी ओर जयललिता की सहयोगी रहीं शशिकला ने उनके आखिरी पलों के बारे में जानकारी दी है। जयललिता की मौत के कारणों की जांच कर रहे जस्टिस अरुमुगस्वामी कमीशन के समक्ष दिए गए हलफनामे में शशिकला ने कहा है कि जयललिता को दिल का दौरा पड़ा था। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार शशिकला ने बताया है कि जयललिता टेलीविजन पर धारावाहिक 'जय वीर हनुमान' देख रही थीं और उन्होंने इससे पहले अपने लिए कॉफी और ब्रेड मंगवाई थी।