नई दिल्ली। भारत की सशस्त्र सेनाओं के तरकस के सबसे अचूक हथियार सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का गुरुवार को देश में ही बने 'सीकर' से पहली बार सफल परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह परीक्षण राजस्थान की पोखरण रेंज में सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर किया गया। परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए देश के अग्रणी रक्षा अनुसंधान संगठन डीआरडीओ, सशस्त्र सेनाओं और रक्षा उद्योग क्षेत्र को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को और पुख्ता करने में मदद मिलेगी। मंत्रालय के अनुसार प्रक्षेपास्त्र ने निर्धारित मार्ग पर बढते हुए लक्ष्य पर अचूक निशाना साधा। प्रक्षेपास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सीकर प्रौद्योगिकी डीआरडीओ के सहयोग से हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर इमाराट ने विकसित की है।
जमीन और समुद्र से मार करने में सक्षम इस प्रक्षेपास्त्र का गत नवम्बर में लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से सफलतापूर्वक दागा गया था। इसे वायु सेना की लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सेना ब्रह्मोस की चौथी रेजिमेंट को शामिल करने जा रही है वहीं नौसेना ने अपने 10 युद्धपोतों पर ब्रह्मोस तैनात कर रखी है। वायु सेना ने भी इसके दो स्कवैड्रन शामिल किये हैं।