नई दिल्ली। मंदिर, मस्जिद भीड़भाड़ वाले इलाके, बाजार लगभग हर जगह आपको कोई-कोई भिखारी दिख ही जाता होगा। कई जगहों तो भिखारियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। लेकिन क्या कभी अपने सोचा है कि पूरे भारत में कितने भिखारी होंगे। यदि नहीं तो केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार हम आपको बताते है कि भारत में चार लाख 13 हजार 670 भिखारी हैं। इनमें से दो लाख 21 हजार 673 पुरुष हैं, जबकि एक लाख 91 हजार 997 महिलाएं हैं। बुधवार को सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने ये जानकारी लिखित में जारी कीं। मंत्री की ओर से ये आकंड़े लोकसभा को लिखे गए एक पत्र में जारी किए गए हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार हैं। बेघर लोगों व भिखारियों की सबसे ज्यादा संख्या पश्चिम बंगाल में है। तकरीबन चार लाख भिखारियों में से 81 हजार सिर्फ पश्चिम बंगाल में रहते हैं। वहीं लक्षद्वीप में मात्र दो लोग ही हैं जो भीख मांग कर अपना गुजारा करते हैं। उत्तर प्रदेश का नाम इस सूची में 65 हजार 835 भिखारियों के साथ दूसरे नंबर पर है, जबकि 30 हजार 218 भिखारियों संग आंध्र प्रदेश इसमें तीसरे पायदान पर है। केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे कम भिखारी रहते हैं। सरकारी की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्षद्वीप में महज दो भिखारी हैं। दादर नगर हवेली में 19, दमन और दीयू में 22 और अंडमान और निकोबार द्वीप पर सिर्फ 56 बेघर हैं। उधर, नई दिल्ली और चंडीगढ़ में भिखारियों और बेघरों की संख्या बढ़ गई। देश की राजधानी में दो हजार 187 भिखारी हैं। वहीं, चंड़ीगढ़ में 121 भिखारी रहते हैं।