नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अपील पर टू जी स्पेक्ट्रम मामले से जुड़े पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा समेत सभी आरोपियों को बुधवार को नोटिस जारी किया। दिल्ली उच्च न्यायालय में ईडी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राजीव अवस्थी ने मीडिया से कहा, न्यायालय अंतरिम आवेदन ने इस मामले में जब्त संपत्तियों पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है, इस आदेश का अर्थ यह हुआ कि संपत्तियां ईडी के कब्जे में ही रहेंगी। न्यायाधीश एस पी गर्ग ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी। इस मामले में ए राजा के अलावा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य को निचली अदालत ने बरी कर दिया था। ईडी ने फैसले के खिलाफ सोमवार को और सीबीआई ने कल अपील दायर की थी।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ पी सैनी पिछले साल 21 दिसम्बर को ए राजा और 18 अन्य को जिसमें द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और पुत्री कनिमोझी को टू जी से जुड़े हवाला कारोबार में बरी कर दिया था। इसके अलावा एसटीपीएल के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूटस ऐंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, फिल्म निर्माता करीम मोरानी भी बरी किए गए लोगों में शामिल थे। अदालत ने मामले में 223 करोड़ रुपए मूल्य की जब्त संपत्ति को भी रिलीज करने के आदेश दिए थे। विशेष न्यायाधीश ने फैसला देते हुए कहा था कि ईडी और सीबीआई मामले में आरोपी 33 व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने में नाकाम रही।