चेन्नई। विश्व हिंदू परिषद समर्थित राम राज्य रथ यात्रा के मंगलवार सुबह तमिलनाडु पहुंचने को लेकर विधानसभा में खासा शोर-शराबा हुआ और मुख्य विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) एवं उसके सहयोगी दलों के विधायकों को सदन में हंगामा करने के कारण निष्कासित कर दिया गया। निष्कासन के तुरंत बाद द्रमुक सदस्यों ने कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन की अगुआई में राज्य सचिवालय के समक्ष रोड रोको आंदोलन करने का प्रयास किया जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वे राज्य सरकार पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के निर्देश के मुताबिक काम करने का आरोप लगा रहे थे और सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
स्टालिन ने विधानसभा में शून्य काल के दौरान इस मसले पर विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया और कहा कि रथ यात्रा को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि वह राज्य में अन्ना द्रमुक सरकार चला रही है या भाजपा। मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कुछ दल रथ यात्रा को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं और इससे राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा पांच राज्यों से शांतिपूर्ण तरीके से गुजर चुकी है और आज सुबह यह केरल से तिरुनेलवेली पहुंची है। वहां से यह मदुरै, रामनाथपुरम, तूतीकोरीन और कन्याकुमारी जाएगी।