नई दिल्ली। सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों की स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा 19 से 23 मार्च तक पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर रहेंगे। नौसेना के अनुसार एडमिरल लांबा की यात्रा का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं के बीच सहयोग को और मजबूत बनाना तथा रक्षा क्षेत्र में सहयोग की नयी संभावनाओं का पता लगाना है।
अमेरिका यात्रा के दौरान एडमिरल लांबा अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह अमेरिकी सेनाओं के प्रमुखों तथा नौसेना के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे। एडमिरल लांबा हवाई में पर्ल हार्बर स्थित पैसिफिक कमान के मुख्यालय, डेलग्रेन स्थित नेवल सरफेस वारफेयर सेण्टर और वाशिंगटन डी सी में आर्लिंटन नेशनल सिमेट्री भी जाएंगे।
भारत और अमेरिका के घनिष्ठ, पारंपरिक तथा मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौते किये हैं। इनमें डिफेंस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट और सैन्य साजो-सामान के आदान-प्रदान तथा एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों के परस्पर इस्तेमाल से जुड़े समझौते प्रमुख हैं। अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्ष 2016 की यात्रा के दौरान भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा भी दिया था।
भारतीय नौसेना भी अमेरिकी नौसेना के साथ विभिन्न स्तर पर सहयोग कर रही है। दोनों नौसेनाएं मालाबार और रिम्पैक जैसे संयुक्त अभ्यासों में परस्पर आदान-प्रदान करती रही हैं। दोनों के युद्धपोत भी नियमित रूप से एक दूसरे के बंदरगाहों पर आते-जाते रहे हैं।