लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बाद भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार के बाद सूबे की राजनीति में भारी उठापटक मची हुई है। दोनों लोकसभा सीटों पर मिली हार के झटके से भाजपा उबरी भी नहीं थी कि उसे एक और झटका लग गया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दामाद नवल किशोर शाक्य ने अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता की, जिसमें नवल शाक्य भी पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने अखिलेश यादव को भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंटकर उपचुनाव में जीत के लिए बधाई दी। अखिलेश ने कहा कि इस जीत से सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि वो मुख्यमंत्री योगी विकास की तरफ जाने लगे हैं। अब वो डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं। विकास कार्यों में रुचि लेने लगे हैं।
अखिलेश ने कहा कि बीटीसी अभ्यर्थियों की पूरी प्रक्रिया होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया। सिर्फ इसलिए कि सपा शासन में उनकी भर्तियां हुई थीं। कम से कम जो भर्तियां हो गई हैं, उन्हें तो सरकार नियुक्ति पत्र दे दे। डॉ. नवल के सपा में शामिल होने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि ये हमारी पार्टी में आ रहे हैं लेकिन इन्हें हम यहां नहीं, सभा में ज्वॉइन कराएंगे। कई अन्य कार्यकर्ताओं ने भी अखिलेश यादव को स्मृति चिह्न दिया।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने कुछ ज्यादा ही वादे जनता से किए। जो वादे किए, उन्हें पूरा नहीं किया। इसी का गुस्सा जनता में है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि ईवीएम से वोटिंग हुई तो जनता का गुस्सा नहीं निकला। बैलेट पर ठप्पा मारने से गुस्सा निकलता है और लोकतंत्र में गुस्सा निकलना बहुत जरूरी है।