नई दिल्ली। खेतों में पराली जलाने को गलत परंपरा करार देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत मां को आग से जलाने और उसे परेशान करने जैसा है। दिल्ली के राष्ट्रीय कृषि शोध संस्थान में लगे कृषि मेले को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि हमें उन परंपराओं को छोड़ देना चाहिए, जो आज के समय के अनुकूल नहीं है। पराली जलाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई राज्यों में फसल के अवशेष को जलाया जाता है।
उन्होंने कहा, 'वास्तव में हम देखें तो इस तरह हम फसल जला रहे हैं। हम अपनी भारत मां को आग से जला रहे हैं। मिट्टी से लिए गए पोषक तत्वों और हवा, पानी और रोशनी से पैदा फसल को जब हम जला देते हैं तो इससे प्रदूषण होता है। इसके अलावा मिट्टी भी खराब होती है। यदि मशीनों के जरिए पराली को खेत में ही मिला दें तो इससे खेत की उपज बढ़ती है।
इससे खाद की जररूत कम होती है।' किसानों की आय को बढ़ाने के उपायों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लगातार प्रयास है कि किसानों को लोन में दिक्कत न आए। इसलिए सरकार ने किसानों को दिए जाने वाले कर्ज की राशि को 10 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।